चंद्रयान-3 के ‘विक्रम लैंडर’ ने चांद पर एक विशेष स्थल पर कदम रखा है, जिसे ‘शिव शक्ति’ नाम दिया गया है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पॉइंट को ‘तिरंगा’ नाम दिया है, जहां चंद्रयान-2 का लैंडर क्रैश हुआ था. इस पोस्ट में, हम इस ‘जवाहर पॉइंट’ के महत्व को समझेंगे और इसके पीछे की कहानी को जानेंगे।
चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 का मिशन है ‘विक्रम लैंडर’ के माध्यम से चांद की सतह पर उतरना और वहां से वैज्ञानिक अनुसंधान करना। इस मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है ‘जवाहर पॉइंट’, जिसका नाम चंद्रयान-1 के क्रैश लैंडिंग स्थल के नाम पर रखा गया है।
‘जवाहर पॉइंट’ का इतिहास
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की थी। 15 अगस्त 2003 को, भारत ने चंद्रयान कार्यक्रम की शुरुआत की थी। नवंबर 2003 को भारत सरकार ने पहली बार भारतीय मून मिशन के लिए इसरो के चंद्रयान-1 को मंजूरी दी थी।
चंद्रयान-1 का उद्देश्य
चंद्रयान-1 का मुख्य उद्देश्य था चांद की सतह का सर्वे करना और वहां की केमिकल कम्पोजीशन का मैप बनाना था। इस मिशन के दौरान, चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास क्रैश लैंडिंग की थी, और इसलिए उस स्थल का नाम ‘जवाहर पॉइंट’ रखा गया था।
चंद्रयान-1 के योगदान
चंद्रयान-1 के मिशन के दौरान, यह डेटा इस्तेमाल किया गया था जिससे चांद पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी। इससे चंद्रमा की गर्मी, वायुमंडल, और उसके पृष्ठ पर कीमती खगोलिक डेटा प्राप्त हुआ।
‘शिव शक्ति’ का महत्व
चंद्रयान-3 में ‘शिव शक्ति’
चंद्रयान-3 मिशन में ‘विक्रम लैंडर’ ने चंद्रमा की सतह पर कदम रखा है, और इस स्थल को ‘शिव शक्ति’ नामकरण किया गया है। इस नामकरण से भारतीय वैज्ञानिकों की भावनाओं को महत्वपूर्ण रूप से दिखाया गया है, और यह भी दिखाता है कि हमारे वैज्ञानिकों का चंद्रमा में काम करने के प्रति कितना उत्साह है।
‘तिरंगा’ पॉइंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उस स्थल को ‘तिरंगा’ नाम दिया है, जहां चंद्रयान-2 का लैंडर क्रैश हुआ था। इससे हमारे वैज्ञानिकों के संघर्ष और सफलता की कहानी को साझा किया जा रहा है।
वैज्ञानिकों की मेहनत और उनके संघर्ष का प्रतीक
‘जवाहर पॉइंट’ और ‘शिव शक्ति’ चंद्रयान-3 मिशन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत और उनके संघर्ष का प्रतीक हैं। चंद्रयान-1 के ‘जवाहर पॉइंट’ से लेकर चंद्रयान-3 के ‘शिव शक्ति’ तक, चंद्रमा का अध्ययन हमारे वैज्ञानिकों के लिए नई दुनियाओं के दरवाजे खोलता है। यही वजह है कि इन पॉइंट्स को नामकरण करने से हमारे वैज्ञानिकों को और भी प्रेरित किया जाता है, और हमारे अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में और भी नए कदम बढ़ाता है।