ISRO द्वारा जारी तस्वीरें और अपडेट्स
ISRO (Indian Space Research Organisation) ने चंद्रयान 3 मिशन के तेजी से आगे बढ़ने के बाद अपने प्रमुख रोवर, प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) के नवाचारिक पहलू को लेकर ताजा अपडेट जारी की है। चंद्रयान 3 मिशन के अंतर्गत, प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी मिशन को प्रारंभ किया है, और इसकी प्रगति के बारे में इसरो ने हमें तस्वीरें और जानकारी प्रदान की है।
प्रज्ञान रोवर के गहरे गड्ढे के पास की यात्रा
प्रज्ञान रोवर ने 27 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर एक 4 मीटर व्यास वाले गड्ढे (क्रेटर) के पास पहुंचने का सफलतापूर्वक प्रयास किया। इसरो ने बताया कि यह रोवर अपने स्थान से 3 मीटर आगे बढ़कर गड्ढे के पास पहुंचा था, और इसके बाद उसे नए रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए कमांड दी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रज्ञान रोवर अपनी मिशन को महत्वपूर्ण दिशा में आगे बढ़ा रहा है।
चंद्रयान 3 मिशन का महत्व
चंद्रयान 3 मिशन, जिसमें प्रज्ञान रोवर शामिल है, एक महत्वपूर्ण कदम है भारत के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान में। यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने का प्रयास कर रहा है, जिससे हमें चंद्रमा के इस क्षेत्र के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।
चंद्रयान 3 के तापमान मापण के यंत्र
इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर के साथ एक तापमान मापन के यंत्र भी है, जोकि सतह के नीचे 10 सेमी की गहराई तक पहुंच सकता है। इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं, और इसके माध्यम से हम चंद्रमा की सतह के तापमान को माप सकेंगे। यह मापन हमें चंद्रमा के मौसम के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
सॉफ्ट लैंडिंग का महत्व
चंद्रयान 3 मिशन के अंतर्गत, विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग की थी, जिससे भारत दुनिया का पहला देश बन गया जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करने में कामयाब हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में हमारे देश की महत्वपूर्ण भूमिका को पुनर्बढ़ाव देगी।
इसरो के चंद्रयान 3 मिशन के तहत प्रज्ञान रोवर की मिशन के प्रगति को देखकर हम सभी गर्वित महसूस करते हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि यह मिशन हमें चंद्रमा की अद्वितीय जगह के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको चंद्रयान 3 मिशन के ताजगी के साथ-साथ प्रज्ञान रोवर के महत्वपूर्ण मिशन के बारे में जानकारी दी है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और हमारे देश को गर्वित बनाता है।
Image Source : ISRO