China's Economic Slowdown

हाल के दिनों में चीन की इकोनॉमी में कमजोरी आने को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रिपोर्टें सामने आई हैं। कुछ एजेंसियों ने तो यहां तक कहा है कि पिछले चार दशक से विकास की जिस राह पर चीन आगे बढ़ रहा था अब उसके अवसान का समय आ गया है।

चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट के कारण

चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट के कई कारण हैं:

1. क्रियाशील कामगारों की कमी

चीन की क्रियाशील कामगारों की आबादी में कमी हो रही है, जिसका असर उद्योगों के प्रगति पर पड़ रहा है।

2. रीयल एस्टेट में अधिक निवेश

चीन में रीयल एस्टेट में अधिक निवेश का होना जिसको बना कर रखना अब मुश्किल हो रहा है, और यह अर्थव्यवस्था पर दबाव डाल रहा है।

3. वैश्विक स्तर पर चीन के खिलाफ माहौल

वैश्विक स्तर पर चीन के खिलाफ एक माहौल बन गया है, जिसका व्यापार पर असर हो रहा है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि चीन की इकोनॉमी में गिरावट का भारत पर कोई असर होगा या नहीं।

भारत के लिए चुनौतियां

1. चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक

चीन भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, जबकि चौथा सबसे बड़ा आयातक है। दोनो देशों का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2022-23 में 115 अरब डॉलर का रहा था।

2. भारत की आपूर्ति पर निर्भरता

चीन से भारत की कुछ आपूर्ति के लिए निर्भरता है, और इसका भारतीय इकोनॉमी पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। भारत को इन आपूर्तियों को दोबारा सोचने और तय करने की आवश्यकता हो सकती है।

चीनी आयात के प्रभावित उत्पाद

अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर शोध करने वाली एजेंसी, जीटीआरआई, की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत चीन से आयात पर अधिक निर्भर है, और इसका व्यापारिक बाजार पर बड़ा प्रभाव हो सकता है। इसका आयात आपूर्ति और उत्पादन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसका असर भारतीय इकोनॉमी पर बिना सुचित्र नियोजन के हो सकता है।

वर्ष 2022-23 में, भारत ने चीन से 49 अरब डॉलर के पूंजीगत सामान और मशीनरी का आयात किया है, जिसमें क्रेन्स, पंप्स, आईसी इंजन, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं। यह उत्पाद भारत के विभिन्न उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इनके आयात की अधिकतम हार से संबंधित है।

इससे होने वाले चुनौतियों का सामना करते समय, भारत को अपनी आयात पॉलिसी को पुनरावलोकन करने और उत्पादन के क्षेत्र में अत्यधिक आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है। यह चुनौती भारत के लिए एक अवसर भी हो सकता है, जिसका सही रूप से उपयोग किया जा सकता है और व्यापारिक मौद्रिकी परिप्रेक्ष्य में सुरक्षित रूप से स्थापित हो सकता है।

चीन पर निर्भरता खत्म करने की जरूरत

कोरोना के बाद, कई देश चीनी आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए प्रयासरत हैं, जिससे चीन के व्यापार पर असर हो रहा है। इससे भारत के लिए अवसर बढ़ सकते हैं, जिसका फायदा सरकार को उठाने के लिए नीतिगत मदद देनी चाहिए।

सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत

चीन की इकोनॉमी में हो रही गिरावट भारतीय इकोनॉमी पर सीधा और परिप्रेक्ष्य में असर डाल सकती है, लेकिन यह भी एक अवसर है जिसका सही रूप से उपयोग किया जा सकता है। भारत को चीन पर अधिक निर्भरता से बाहर निकलने और अपनी आपूर्ति और उत्पादन को स्थायी बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत हो सकती है।

By Yash