नितिन गडकरी द्वारा टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस का लॉन्च
महंगे पेट्रोल और डीजल के दौर में, एक बड़ी खुशखबरी है कि भारत में एक नयी क्रांति का आगाज़ हुआ है। देश के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी द्वारा, टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस का 100% एथेनॉल फ्यूल पर चलने वाला प्रोटोटाइप लॉन्च किया गया है। यह टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस का प्रोटोटाइप वर्शन है और यह पहला इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स-फ्यूल वाहन है। इसे अर्थलवा एथेनॉल के रूप में भी जाना जाता है। एथेनॉल ईंधन विशेषता यह है कि यह तेल के कुओं से नहीं, बल्कि किसानों के खेतों से प्राप्त किया जाता है।
एथेनॉल क्या है और कैसे बनता है?
एथेनॉल, जिसे एक प्रकार का अल्कोहल माना जाता है, गन्ने के रस और मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से तैयार किया जाता है। इसे स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है और पेट्रोल में मिलाकर बायोफ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल के तीन प्रकार होते हैं:
- 1G एथेनॉल:पहली पीढ़ी का एथेनॉल गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार, और मक्का से तैयार किया जाता है।
- 2G एथेनॉल:दूसरी पीढ़ी का एथेनॉल सेल्युलोज और लिग्नोसेल्यूलोसिक मटेरियल से तैयार किया जाता है, जैसे – चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस, और वुडी बायोमास।
- 3G बायोफ्यूल:तीसरी पीढ़ी का बायोफ्यूल एलगी से तैयार किया जाएगा।
भारत में एथेनॉल की योजना
भारत में एथेनॉल की महत्वपूर्ण योजनाएँ हैं, जिनके अंतर्गत सरकार ने E20 योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अनुसार, पेट्रोल में 20% तक एथेनॉल मिलाने की योजना है, जिससे दूसरे देशों से कम तेल खरीदने की जरूरत होगी। इससे सालाना सरकारी खजाने में करोड़ों की बचत हो सकती है, और किसानों को एक नया वित्तीय विकल्प प्राप्त हो सकता है।
इसके अलावा, एथेनॉल प्रदूषण को कम करने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि यह जीवाणुओं और अच्छूक पौधों के बाद जल की शुद्धता को बढ़ावा देता है।
टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस का एथेनॉल प्रोटोटाइप
टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस का एथेनॉल प्रोटोटाइप 2.7 लीटर, 4 सिलेंडर पेट्रोल इंजन के साथ आता है जो केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय (MoP&NG) के निदेशकालय (DGH) द्वारा प्रमाणित है। यह इंजन E85 (85% एथेनॉल, 15% पेट्रोल) या 100% एथेनॉल पर चल सकता है। इस प्रोटोटाइप के जरिए, टोयोटा भारत में एथेनॉल प्रौद्योगिकी की प्रमुख स्थान में है और वे भारत में एथेनॉल आधारित हाइब्रिड सीडान और SUV विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।
एथेनॉल वाहनों के लाभ
एथेनॉल पर चलने वाले वाहनों के कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- कम पॉल्यूशन: एथेनॉल वाहनों के इंजन से निकलने वाले गैसों में कम प्रदूषण होता है, जो वायुमंडल में होते हैं।
- किसानों के लिए उपाय: एथेनॉल का उत्पादन किसानों के लिए एक और आय का स्रोत प्रदान कर सकता है, क्योंकि यह फसलों से बनता है।
- स्थानीय उत्पादन: एथेनॉल का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जा सकता है, जो एक स्थानीय ऊर्जा स्रोत को प्रोत्साहित कर सकता है।
- ऊर्जा सुरक्षा: एथेनॉल देश की ऊर्जा सुरक्षा में मदद कर सकता है, क्योंकि यह विदेशी तेल की आवश्यकता को कम कर सकता है।
संक्षिप्त में
टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस के इस एथेनॉल प्रोटोटाइप का लॉन्च भारत में एथेनॉल आधारित वाहनों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देगा। यह एक प्रकार का स्थानीय ऊर्जा स्रोत प्रमोट करेगा और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह किसानों को एक नया आय का स्रोत प्रदान कर सकता है।